आज बड़कोट नगर पालिका परिषद में गोरखाली समुदाय द्वारा आयोजित तीज महोत्सव 2025 में मुख्य अतिथि बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह पर्व न केवल नेपाली संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि सौभाग्य, समर्पण और आस्था का भी प्रतीक माना जाता है।








तीज महोत्सव का महत्व
तीज महोत्सव विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह पर्व भक्ति, प्रेम और पारिवारिक एकता का संदेश देता है। नेपाली संस्कृति में तीज को सौभाग्य और समर्पण का पर्व कहा जाता है। इस दिन महिलाएँ व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
संस्कृति और समाज का संगम
ऐसे पर्व केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं होते, बल्कि समाज को जोड़ने का काम भी करते हैं। तीज महोत्सव जैसे आयोजन संस्कृति को जीवित रखने के साथ-साथ समाज में प्रेम और एकता का संदेश फैलाते हैं। बड़कोट जैसे क्षेत्र में विभिन्न समुदायों का इस प्रकार से एक साथ आना सामाजिक समरसता को और भी गहरा बनाता है।
गोरखा सुधार समाज का योगदान
इस अवसर पर मुझे जो सम्मान और स्नेह मिला, उसके लिए मैं गोरखा सुधार समाज और भाई श्री दिनेश राणा जी का हृदय से आभार प्रकट करता हूँ। उनका प्रयास है कि आने वाली पीढ़ियाँ भी अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझें और अपनाएँ।
बड़कोट में आयोजित तीज महोत्सव 2025 केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और समाज की एकजुटता का प्रतीक है। ऐसे आयोजन हमें हमारी जड़ों से जोड़ते हैं और भविष्य की पीढ़ियों को अपनी धरोहर का महत्व समझाते हैं।