हरेला पर्व उत्तराखंड की संस्कृति, पर्यावरण और परंपरा का सुंदर संगम है। यह पर्व न केवल हरियाली और समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि हमें प्रकृति से जुड़ने और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेने की प्रेरणा भी देता है।
बड़कोट, जो देवभूमि उत्तराखंड का एक पवित्र और सुंदर नगर है, वहां हरेला पर्व की विशेष महत्ता है। यहां की धार्मिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत इस पर्व को और भी खास बना देती है।
🌱 एक पेड़, एक जीवन – बड़कोट को बनाएं और भी हरा-भरा!
इस हरेला पर्व पर आइए हम सब मिलकर एक नया संकल्प लें —
“हर घर, हर आंगन में एक पौधा लगाएं, पर्यावरण को बचाएं और आने वाली पीढ़ियों को एक स्वच्छ और हराभरा बड़कोट दें।”
हरेला पर्व सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि यह हमारी संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी को दर्शाता है — ज़िम्मेदारी प्रकृति के प्रति, समाज के प्रति और अपनी आने वाली पीढ़ियों के प्रति।
🙏 विनोद डोभाल जी का संदेश बड़कोट वासियों के लिए
“मैं, विनोद डोभाल (अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद बड़कोट), आप सभी से अपील करता हूँ कि इस हरेला पर्व के अवसर पर अवश्य एक पेड़ लगाएं और इस पावन भावना को जीवन में उतारें। आइए मिलकर अपने बड़कोट को और भी हरा-भरा बनाएं। आप सभी को हरेला पर्व की ढेरों मंगलकामनाएं।”
जय उत्तराखंड! जय बड़कोट!
– श्री विनोद डोभाल
(अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद् बड़कोट)